Rajat Sharma

झारखंड के घोटालों की सियासी आग हेमंत सोरेन तक पहुंच सकती है

akb full_frame_74900झारखंड में एक बड़े पावर ब्रोकर और कारोबारी पर ED की छापेमारी के एक दिन बाद ये खबर आई है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चुनाव आयोग अयोग्य ठहरा सकता है। इससे वहां की राजनीति में अचानक उबाल आ गया है।

चुनाव आयोग से राजभवन को एक सीलबंद लिफाफा मिला है जिसके बाद राज्यपाल रमेश बैस गुरुवार को दिल्ली से अचनाक रांची पहुंच गये। पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास और विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में BJP के एक प्रतिनिधिमंडल ने 11 फरवरी को राज्यपाल को ज्ञापन देकर मांग की थी कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1952 की धारा 9 ए के तहत अयोग्य ठहराया जाए और उन्हें पद से हटाया जाए। राज्यपाल ने इस मसले पर चुनाव आयोग की राय मांगी थी।

हेमंत सोरेन पर आरोप है कि उन्होने मुख्यमंत्री रहते खुद के नाम एक खनन पट्टा आवंटित करा दिया जो कि Office of Profit के प्रावधान का उल्लंघन है। मीडिया की खबरों में कहा गया है कि चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन को चुनावी कानून के तहत अयोग्य ठहराने की सिफारिश की है।

झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा में JMM के 30 विधायक हैं, जबकि सहयोगी दल कांग्रेस के 17 और RJD का एक विधायक है। मुख्य विपक्षी दल BJP के सदन में 26 विधायक हैं।

झारखंड के संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि जेएमएम के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि लाभ के पद के इस मामले में हेमंत सोरेन को अयोग्य ठहराए जाने की सूरत में भी सरकार को कोई खतरा नहीं है। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने मध्यावधि चुनाव की मांग की है।

इस बीच, ED ने झारखंड के खनन और मनरेगा घोटालों के सरगना प्रेम प्रकाश को मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत बुधवार की रात को गिरफ्तार कर लिया। ED ने उसके आवास से 2 एके-47 राइफलें और 60 कारतूस जब्त किए थे।

ED ने बुधवार को 100 करोड़ रुपये के खनन घोटाले के सिलसिले में झारखंड, बिहार, तमिलनाडु, दिल्ली और एनसीआर में 17 जगहों पर छापेमारी की थी। रांची में 11 ठिकानों पर छापेमारी की गई, जिसमें वसुंधरा अपार्टमेंट में प्रेम प्रकाश का फ्लैट, हरमू चौक के पास उसका घर ‘शैलोदय’, हरमू में उसका दफ्तर, अशोक नगर और मोरहाबादी में चार्टर्ड एकाउंटेंट जयशंकर जयपुरिया के मकान, लालपुर में एक अन्य चार्टर्ड अकाउंटेंट अनीता कुमारी का घर और अरगोड़ा चौक के पास एक कोयला व्यापारी एम. के. झा का घर शामिल हैं। बिहार के सासाराम में प्रेम प्रकाश के मामा रतन श्रीवास्तव के घर की भी तलाशी ली गई।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नाम प्रेम प्रकाश से जोड़ने और ईडी की छापेमारी को लेकर बुधवार शाम मुख्यमंत्री कार्यालय ने मीडिया को चेतावनी जारी की। एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘जिस तरह से कुछ मीडिया प्लेटफॉर्म रांची और अन्य स्थानों पर एक निजी व्यक्ति और उसकी संपत्तियों पर चल रही ईडी की छापेमारी की खबरें दे रहे हैं, मुख्यमंत्री कार्यालय उस तरीके पर कड़ी आपत्ति दर्ज करता है। यदि झारखण्ड सरकार को दुर्भावनापूर्ण रिपोर्ट और ट्वीट/डिजिटल पोस्ट डालने के और मामले का पता चलता है, तो उचित कानूनी प्रावधानों के अनुरूप कदम उठाए जायेंगे।’

ईडी की छापेमारी की सबसे मजेदार बात यह थी कि जब इसकी टीम प्रेम प्रकाश के घर पर गई तो उसे उम्मीद थी कि नोटों के ढेर मिलेंगे, लेकिन इसकी बजाय उन्हें एक आलमारी के अंदर से 2 एके-47 राइफलें और 60 जिंदा कारतूस मिले। जल्द ही ED के संयुक्त निदेशक उसके घर पहुंच गए, और जैसे ही एके-47 राइफलों की जब्ती की खबर सामने आई, अरगड़ा के थाना प्रभारी विनोद कुमार मौके पर पहुंच गए और दावा किया कि ये हथियार अवैध नहीं थे, बल्कि प्रेम प्रकाश के आवास पर तैनात पुलिसकर्मियों के थे।

रांची पुलिस ने बताया कि दोनों पुलिसकर्मी मंगलवार की रात अपनी ड्यूटी कर घर लौट रहे थे, तभी तेज बारिश होने लगी और वे दोनों अपनी रायफलें आलमारी में रख कर घर चले गए। बुधवार को जब वे अपने हथियार वापस लेने के लिए लौटे तो उन्होंने पाया कि ED के अफसर घर की तलाशी ले रहे हैं। रांची पुलिस ने बताया कि दोनों पुलिसकर्मियों को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है। पुलिस ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि इन दोनों पुलिसकर्मियों की बतौर सुरक्षाकर्मी तैनाती किसके यहां थी।

कौन है प्रेम प्रकाश? वह रांची के राजनीतिक हलकों में सत्ता के गलियारों का बड़ा चलता-फिरता पुर्जा है, और IAS अधिकारी एवं पूर्व खनन सचिव पूजा सिंघल का करीबी है, जो पहले से ही हिरासत में हैं। वह कुछ साल पहले तक एक छोटा-मोटा कारोबारी था और मिड-डे मील के लिए स्कूलों में अंडों की सप्लाई करता था।

प्रेम प्रकाश बिहार के सासाराम जिले का रहने वाला है। जानकारों ने बताया कि प्रेम प्रकाश एक वक्त में लालू यादव के घर के चक्कर काटा करता था। उसके ऊपर लालू के घर से मोबाइल फोन चोरी करने का भी इल्जाम लगा था और पकड़े जाने पर उसकी पिटाई भी हुई थी। झारखंड के सत्ता के गलियारों में प्रेम प्रकाश की एंट्री 2015-16 में हुई। प्रेम प्रकाश को मिड डे मील स्कीम के लिए स्कूलों में अंडे सप्लाई करने का ठेका मिला था। वह रांची के बरियातू थाने के पीछे के एक अपार्टमेंट के पेंट हाउस में रहता था। वहां होने वाली पार्टियों में तमाम नेता और अधिकारी पहुंचते थे। उसने रांची के पॉश इलाके हरमू कॉलोनी में क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के घर के बगल में जमीन खरीदी है और एक आलीशान बंगला बनवा रहा है। प्रेम प्रकाश के पास 2 लग्जरी गाड़ियां हैं जिनका एक ही नंबर है 007 है। बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे ने कहा, ‘अभी तो तालाब की छोटी मछली सामने आई है। देखते जाइए, बड़ी-बड़ी मछलियां भी सामने आएंगी।’

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ईडी की छापेमारी के बारे में सीधे-सीधे तो कुछ नहीं बोले, लेकिन इतना जरूर कहा, ‘कुछ लोग नहीं चाहते कि झारखंड आगे बढ़े। झारखंड बनने के 20 साल बाद सूबे के विकास का काम शुरू हुआ है, और यह बात कुछ लोगों को पसंद नहीं आ रही है।’

सियासी नजर से देखें तो झारखंड में पड़े ED के छापों की आंच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक पहुंच सकती है। हालांकि हेमंत सोरेन ने इन छापों के साथ अपना नाम जोड़ने वालों को चेतावनी दी है। सोरेन, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरह कह रहे हैं कि केंद्र ED और CBI का इस्तेमाल इसलिए कर रहा है क्योंकि वह झारखंड की तरक्की से डर गई है। लेकिन सोरेन इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि खनन घोटाले के सिलसिले में उनकी पूर्व खनन सचिव पूजा सिंघल पिछले कई महीनों से जेल में हैं। अब तक उन्हें अदालत से भी राहत नहीं मिली है। प्रेम प्रकाश को पूजा सिंघल का करीबी बताया जाता है और ED की छापेमारी को हल्के में नहीं लिया जा सकता। यह तेजी से सियासी मसला बनता जा रहा है। यहां तक कि RJD और कांग्रेस ने भी झारखंड में ED के छापे पर कुछ बोलने से इनकार कर दिया।

बिहार
RJD बिहार में एक और लड़ाई लड़ रही है। 2008-09 में लालू के रेल मंत्री रहने के दौरान रेलवे में नौकरी देने के बदले जमीन लेने के मामले में CBI ने बुधवार को RJD नेताओं से जुड़े 25 स्थानों पर छापेमारी की। पटना, वैशाली, मधुबनी, कटिहार और दानापुर में कई जगहों पर करीब 10 घंटे तक तलाशी ली गई।

ये छापेमारी RJD के 2 राज्यसभा सांसदों अशफाक करीम और फैयाज अहमद, लालू प्रसाद और राबड़ी के करीबी बताए जा रहे MLC सुनील सिंह, पूर्व MLC सुबोध राय और पूर्व विधायक अबू दुजाना के ठिकानों पर की गई। इन नेताओं को RJD के लिए फंड का जुगाड़ करने वाला माना जाता है। दिल्ली और गुरुग्राम में भी तलाशी ली गई। पटना में सुनील सिंह के समर्थक उनके घर के बाहर धरने पर बैठ गए और बीजेपी विरोधी नारे लगाने लगे, जबकि अंदर सीबीआई तलाशी ले रही थी। सुनील सिंह ने कहा कि सीबीआई के अधिकारियों ने उनसे जबरदस्ती कुछ कागजात पर दस्तखत कराने की कोशिश की।

RJD सांसद अशफाक करीम कटिहार में एक मेडिकल कॉलेज चलाते हैं। एक अन्य सांसद फैयाज अहमद, जो कि दो बार विधायक रह चुके हैं, भी एक मेडिकल कॉलेज चलाते हैं। ये दोनों नेता लालू परिवार के करीबी बताए जाते हैं। बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि ये छापेमारी उनकी पार्टी के लोगों को डराने के लिए की जा रही है, लेकिन RJD डरने वाली नहीं है। CBI मेडिकल कॉलेजों में तलाशी के लिए CRPF कर्मियों को ले गई थी।

बीजेपी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा, ‘लालू परिवार तो आदतन भ्रष्ट है। इन्हें CBI के छापों की भी आदत है।’ सीबीआई ने इस मामले में पिछले साल जांच शुरू की थी और इस साल मई में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती के ठिकानों पर छापेमारी की थी।

बिहार विधानसभा में डिप्टी सीएम और RJD नेता तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर हमला किया और आरोप लगाया कि केंद्र विरोधियों को डराने के लिए ED और CBI का दुरुपयोग कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘बिहार की जनता सब देख रही है और वह जवाब देगी।’ उन्होंने विधानसभा को बताया कि CBI ने गुरुग्राम के सेक्टर 71 में अर्बन क्यूब मॉल में तलाशी ली। तेजस्वी ने कहा, ‘इस मॉल को व्हाइटलैंड कॉर्पोरेशन बना रहा है और हमारे परिवार का इस मॉल से कोई लेना-देना नहीं है।’ सीबीआई ने 2017 में तेजस्वी यादव के खिलाफ केस दर्ज किया था। इसकी चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है और वह 2019 से जमानत पर हैं।

तेजस्वी यादव के लिए CBI के केस, ED के रेड कोई नई बात नहीं है। पिछले 15 साल से उनके परिवार और पार्टी के लोगों के खिलाफ कई केस दर्ज हुए हैं। लालू यादव तो चारा घोटाले में दोषी करार दिए जाने के बाद कई साल जेल में रहना पड़ा है। लालू परिवार पहले इन मामलों के लिए नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराता था, लेकिन अब नीतीश के RJD कैंप में शामिल होने के बाद वह नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहरा रहा है।

नीतीश कुमार की पार्टी जब बीजेपी के साथ थी, तब वह बड़ी चतुराई से भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते थे। उन्होंने लालू यादव और तेजस्वी यादव को भ्रष्टाचार की गंगोत्री बताया था, लेकिन बुधवार को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर बहस का जवाब देते हुए नीतीश कुमार ने कोई अलग ही राग छेड़ा था।

नीतीश कुमार ने क्लीन चिट देते हुए कहा, 2017 में तेजस्वी यादव के खिलाफ मामले दर्ज किए गए, लेकिन कुछ भी सामने नहीं आया। बीजेपी नेताओं की तरफ इशारा करते हुए नीतीश कुमार ने कहा, ‘बीजेपी में ईमानदार और सीधे-सादे नेताओं को कुछ नहीं मिलता। 2024 के चुनाव के लिए मेरी कोई महत्वाकांक्षा नहीं है। मेरा एकमात्र उद्देश्य विपक्ष को एकजुट करना है।’

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