Rajat Sharma

विश्व शांति और सुरक्षा के हित में नहीं है राजनीतिक रूप से अस्थिर अमेरिका

इससे पहले जो बाइडेन ने अपने समर्थकों से ‘विश्वास बनाए रखने’ के लिए कहा था। उन्होंने कहा, ‘कोई भी हमारे लोकतंत्र को हमसे छीनने नहीं जा रहा है। अभी नहीं और कभी नहीं। लोगों को न तो चुप कराया जाएगा और न ही डराया-धमकाया जाएगा। हर वोट की गिनती होनी ही चाहिए।’ बाइडेन और ट्रंप के समर्थक अमेरिका की सड़कों पर उतर गए हैं। पूरा अमेरिका में साफ तौर पर दो धड़ों में बंटा हुआ दिखाई दे रहा है। ट्रंप के समर्थकों ने मिशिगन, जॉर्जिया और पेंसिल्वेनिया के नतीजों को चुनौती दी है, जबकि कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि गिनती की प्रक्रिया पूरी होने में थोड़ा वक्त लग सकता है। हालांकि ट्रंप और उनके समर्थक इंतजार करने के मूड में नहीं लग रहे हैं।

akb2110 पूरी दुनिया की नजर इस समय अमेरिका के राष्ट्रपति पद के 2 दावेदारों, डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन के के बीच हो रही कांटे की टक्कर पर है। इस मुकाबले में बाइडेन का पलड़ा ट्रंप के मुकाबले भारी नजर आ रहा है। डेमोक्रेटिक कैंडिडेट जो बाइडेन ने अब तक 264 इलेक्टोरल कॉलेज सीटें जीती हैं, और 270 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए उन्हें सिर्फ 6 और सीटों की जरूरत है। वहीं, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खाते में अब तक 214 इलेक्टोरल कॉलेज सीटें ही आई हैं। अमेरिका के लोग पिछले 3 दिनों से राष्ट्रपति चुनाव के अंतिम नतीजों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जो कि अब मेल-इन बैलट्स की गिनती को लेकर विवादों में घिर गया है।

ट्रंप और बाइडेन के बीच लड़ाई इतनी करीबी हो गई है कि अधिकांश अमेरिकी मीडिया नेटवर्क्स आखिरी वोट गिने जाने तक किसी को विजेता घोषित करने से बच रहे हैं। अंतिम परिणाम 4 प्रमुख राज्यों- जॉर्जिया, नेवाडा, पेंसिल्वेनिया और उत्तरी कैरोलिना से अपेक्षित हैं। नेवाडा को छोड़कर बाकी के 3 राज्यों में ट्रंप थोड़ा आगे हैं, लेकिन किसी भी एक राज्य में जीत हासिल कर बाइडेन बहुमत के आंकड़े को पा लेंगे। जो बाइडेन ने कुल वोटों का 50.5 प्रतिशत हासिल किया है, जबकि ट्रंप को 47.9 प्रतिशत वोट मिले हैं, लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में इन वोटों का कोई विशेष महत्व नहीं होता है, बल्कि इलेक्टोरल कॉलेज की सीटें महत्वपूर्ण हैं। पिछले 24 घंटों में बाइडेन ने एरिजोना, मिशिगन, विस्कॉन्सिन और न्यू हैम्पशायर जैसे प्रमुख राज्यों में जीत दर्ज की है, जबकि राष्ट्रपति ट्रंप ने फ्लोरिडा, टेक्सास, आयोवा और ओहायो में जीत हासिल की है।

गुरुवार को ट्रंप ने अपना डेमोक्रेट्स पर एक बार फिर चुनावों में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि यदि ‘वैध मतों की गिनती की गई तो वही जीतेंगे।’ ट्रंप ने आरोप लगाया कि वोटों की गिनती सही तरीके से नहीं की जा रही है। ट्रम्प ने दावा किया, ‘अगर आप लीगल वोट गिनें तो मैं आसानी से जीत रहा हूं। लेकिन अगर आप अवैध (मेल इन बैलट्स) वोट गिनेंगे तो वे (डेमोक्रेट) इसके जरिए हमसे जीत छीनने की कोशिश कर सकते हैं।’ ट्रंप ने साफ संकेत दिया कि अंतिम नतीजे सुप्रीम कोर्ट से ही आएंगे। ट्रंप ने ट्वीट किया, ‘मैं आसानी से अमेरिका के राष्‍ट्रपति पद का चुनाव जीत जाता अगर केवल कानूनी वोटों को ही डालने की अनुमति दी गई होती। पर्यवेक्षकों को किसी भी तरह से और किसी भी जरिए से अपना काम करने की अनुमति नहीं दी गई और इसलिए जिन लोगों के वोट इस अवधि में स्‍वीकार किए गए उन्‍हें निश्चित रूप से अवैध माना जाना चाहिए। अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट को इसका फैसला करना चाहिए।’

इससे पहले जो बाइडेन ने अपने समर्थकों से ‘विश्वास बनाए रखने’ के लिए कहा था। उन्होंने कहा, ‘कोई भी हमारे लोकतंत्र को हमसे छीनने नहीं जा रहा है। अभी नहीं और कभी नहीं। लोगों को न तो चुप कराया जाएगा और न ही डराया-धमकाया जाएगा। हर वोट की गिनती होनी ही चाहिए।’ बाइडेन और ट्रंप के समर्थक अमेरिका की सड़कों पर उतर गए हैं। पूरा अमेरिका में साफ तौर पर दो धड़ों में बंटा हुआ दिखाई दे रहा है। ट्रंप के समर्थकों ने मिशिगन, जॉर्जिया और पेंसिल्वेनिया के नतीजों को चुनौती दी है, जबकि कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि गिनती की प्रक्रिया पूरी होने में थोड़ा वक्त लग सकता है। हालांकि ट्रंप और उनके समर्थक इंतजार करने के मूड में नहीं लग रहे हैं।

न्यूयॉर्क में बाइडेन के हजारों समर्थक सारे वोटों की गिनती की मांग करते हुए सड़कों पर उतर गए और जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन किया। फिफ्थ एवेन्यू में इन समर्थकों ने जमकर ट्रंप विरोधी नारे लगाए। कुछ समर्थकों ने तो टायर, प्लाईबोर्ड और बैनर में आग लगाने की भी कोशिश की, लेकिन सुरक्षाबलों उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। पोर्टलैंड में हिंसा भड़क गई और ओरेगन के गवर्नर को हालात काबू में करने के लिए नेशनल गार्ड्स को फोन करना पड़ा। ट्रंप और बाइडेन के समर्थकों में कई जगहों पर झड़प हुई और तमाम दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया। ब्लैक लाइव्स मैटर के समर्थक सिएटल में सड़कों पर उतर गए और ट्रंप विरोधी नारे लगाए।

सारी तस्वीर को देखकर ऐसा लग रहा है कि ट्रंप और उनके समर्थकों द्वारा कानूनी अड़चनें लगाए जाने के बावजूद बाइडेन राष्ट्रपति चुनाव जीतने की राह पर हैं। हालांकि बाइडेन भले ही चुनाव जीत जाएं, अमेरिका की सड़कों पर दोनों विरोधी गुटों के बीच हिंसा की प्रबल संभावना है। ऐसा लग रहा है कि ‘युनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका’ आज ‘डिवाइडेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका’ नजर आ रहा है। यह किसी भी लिहाज से एक अच्छी बात नहीं है और अमेरिका के हालात से चिंतित दुनिया वहां के घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है। राजनीतिक रूप से अस्थिर अमेरिका विश्व शांति और सुरक्षा के हित में नहीं है। अब मामला अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट में जाता हुआ दिख रहा है, तो ऐसे में काउंटिंग और रीकाउंटिंग का सिलसिला लंबा चलेगा और अमेरिका में अनिश्चितता बनी रहेगी। यदि ऐसा होता है तो ये पूरी दुनिया के लिए चिंता की बात होगी।

Get connected on Twitter, Instagram & Facebook

Comments are closed.