Rajat Sharma

फेक न्यूज़ चैनलों और डीपफेक साइबर डकैतों से सावधान रहें

AKB30 देश भर में साइबर ठगी के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं. जो केसेज सामने आए हैं, उन्हें साइबर ठगी कहने के बजाए साइबर डकैती कहना ज्यादा सही होगा. इस विषय पर आगे कुछ लिखने से पहले मैं बताना चाहता हूं कि शुक्रवार को भारत सरकार ने ऐसे 9 यूट्यूब चैनलों को बंद कर दिया जो झूठी खबरें परोस रही थीं. इसमें हैरान करने वाली बात ये है कि इनमें से कई चैनल्स मेरी फोटो लगाकर, ‘आज की बात’ की तस्वीर लगा कर झूठी खबरें बेच रहे थे. ऐसे ऐसे दावे कर रहे थे, जिन्हें देखकर मैं भी सकते में आ गया. इन खबरों को आप देखेंगे तो ऐसा लगेगा कि जैसे रजत शर्मा ये खबर बता रहे हैं. लोग इसी चक्कर में खबर देख लेते हैं. फिर उस पर यकीन करके उसे फॉरवर्ड भी कर देते हैं. जिन यूट्यूब चैनल्स के खिलाफ एक्शन लिया गया है, जो फेक न्यूज फैला रहे थे, उनके सब्सक्राइबर्स की तादाद लाखों में है, उनके व्यूज़ करोड़ों में हैं और ये चैनल कभी सरकारी योजनाओं के बारे में झूठे दावे करते थे, तो कभी प्राकृतिक आपदाओं के नाम पर अफ़वाहें फैलाते थे. कभी अपराध, तो कभी समाज के एक तबक़े पर ज़ुल्म की फ़र्ज़ी ख़बरें फैला रहे थे. जिन यू-ट्यूब चैनल्स के खिलाफ action हुआ, जब मैंने उनके डीटेल चेक किए तो ये देखकर हैरान रह गया कि कई यू-ट्यूब चैनल्स ने तो अपने वीडियो में मेरी फोटो लगा रखी थी. वीडियो के थंबनेल में मेरे शो की इमेज चिपका रखी थी. एक यू-ट्यूब चैनल, सरकारी योजना ऑफ़िशियल के नाम से चल रहा था. इसके एक लाख सब्सक्राइबर हैं और इसके वीडियो को 29 लाख से ज़्यादा व्यूज़ मिल चुके हैं. इस यू-ट्यूब चैनल ने 8 नवंबर को मेरी फोटो लगाकर एक वीडियो पोस्ट किया. इसमें दावा किया गया था कि भीषण संकट की वजह से स्कूल बंद कर दिए गए हैं. एक और वीडियो में मेरी फोटो वाली थंबनेल लगाकर ये फ़र्ज़ी ख़बर फैलाई गई कि क़ुदरत के क़हर से एक हज़ार लोगों की जान चली गई है, पूरे देश में पुलिस फ़ोर्स तैनात कर दी गई है, जबकि ये बिल्कुल फर्जी खबर थी. 3 नवंबर को भी इस चैनल ने मेरी फोटो लगाकर एक वीडियो पोस्ट किया, और दावा किया कि 22 राज्यों के लिए एलर्ट जारी हुआ है, 50 हज़ार से ज़्यादा लोगों की जान चली गई, 99 साल का रिकॉर्ड टूटने वाला है. ये सारी बातें, ये सारे दावे झूठे हैं. न तो इंडिया टीवी ने ऐसी कोई ख़बर चलाई और न ही मेरे किसी शो में इस तरह का कोई दावा किया गया लेकिन मेरी तस्वीर लगाकर ये चैनल लोगों को झूठ परोस रहा था. इस तरह के एक दो नहीं सैकड़ों वीडियो हैं, दर्जनों यूट्यूब चैनल्स हैं, जो मेरी फोटो लगा कर या इंडिया टीवी की क्लिप लगाकर झूठी खबरें चलाते हैं लेकिन सबको पकड़ पाना, सब पर नजर रखना आसान नहीं है. इसलिए मुझे आपकी मदद की जरूरत है. जो लोग मेरे नाम पर या मेरी तस्वीर लगाकर झूठ फैला रहे हैं. उनकी साजिश को समझने की जरूरत है. एक तो वो मेरे नाम का इस्तेमाल करके ज्यादा व्यूज बटोरते हैं, फायदा उठाते हैं लेकिन इससे भी बड़ा और गंभीर अपराध ये है कि,वो मेरी विश्वसनीयता पर हमला करने की कोशिश कर रहे हैं. मेरा नाम लेकर, मेरी फोटो लगाकर फेक न्यूज दिखाकर मेरी विश्वसनीयता पर चोट पहुंचाना चाहते हैं मैंने आज ये खबर आज इसलिए दिखाई कि आपका विश्वास, आपका भरोसा ही मेरी ताकत है. आपका समर्थन ऐसे फर्जी चैनल चलाने वाले अपराधियों से लड़ने में मेरी मदद करेगा. आप मुझे तीस साल से जानते हैं. आप का और मेरा एक अपनेपन का रिश्ता है. अगर आपको कोई ऐसी फेक न्यूज दिखाई दे, कोई फर्जी चैनल दिखाई दे, जो मेरे नाम का बेजा इस्तेमाल कर रहे हैं तो मुझे जानकारी दें, Whatsapp करें, फोन करें, नंबर मैं आपको बता देता हूं-9350593505. आप ईमेल भी कर सकते हैं. मेल आईडी है, mail@indiatvnews.com हमने ऐसे कई फर्जी यूट्यूब चैनल्स को बंद करवाया है. ऐसे कई अपराधियों को पकड़वाया है और ये काम आपके साथ मिलकर मैं लगातार करता रहूंगा.

साइबर फ्रॉड

अब आपको बताता हूं, साइबर क्राइम करने वाले टैक्नोलॉजी की मदद से किस किस तरह के पैंतरे अपनाकर लोगों को ठग रहे हैं. सबसे ताजा मामला ग़ाज़ियाबाद का है. ग़ाज़ियाबाद में एक बुजुर्ग को बिल्कुल फिल्मी स्टाइल में ठगा गया. साइबर ठगी के इस केस में AI का इस्तेमाल किया गया. रिटायर्ड पुलिस अफसर की शक्ल, उसकी आवाज, उसी के दफ्तर के वीडियो का इस्तेमाल शिकार को धमकाने के लिए किया गया. असल में हुआ य़े है कि गाजियाबाद में 74 साल के बुजुर्ग अरविन्द शर्मा ने नया स्मार्ट मोबाइल फोन खरीदा. फोन में कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के एप डाउनलोड कर लिए. अपना प्रोफाइल भी बना लिया. इसके बाद फेसबुक मैसेंजर खोला तो दूसरी तरफ से कॉल आई. बुजुर्ग ने कॉल रिसीव कर ली. इसके तुरंत बाद व्हाट्सऐप पर वीडियो कॉल आई दूसरी तरफ़ से वीडियो कॉल पर एक लेडी थी, उसने कपड़े नहीं पहन रखे थे. बुजुर्ग ने जैसे ही ये देखा तो तुरंत कॉल डिस्कनेक्ट कर दी लेकिन इससे मुसीबत खत्म नहीं हुई. मुसीबत यहीं से शुरू हुई थी. कुछ देर बाद बुजुर्ग के पास फोन आया. कॉल करने वाले ने खुद को पुलिस वाला बताया और कहा कि उनके पास शिकायत आई है कि आप फोन पर अश्लील वीडियो चैट्स करते हैं. बुजुर्ग घबरा गया. पुलिस वाले ने थाने पहुंचने को कहा. बुजुर्ग को लगा कि अगर ये बात किसी को पता लगी तो बेइज्जती होगी. बुजुर्ग से कहा गया कि वो बड़े अधिकारी से बात करे. बताया गया कि ADG प्रेम प्रकाश वीडियो कॉल पर बात करेंगे. बुजुर्ग के फोन पर वीडियो कॉल आई. मैं आपको बता दूं कि प्रेम प्रकाश वाकई में IPS अफसर थे. कुछ दिन पहले रिटायर हुए हैं लेकिन इस वीडियो कॉल में असली प्रेम प्रकाश नहीं, AI का इस्तेमाल करके उनका डीपफेक था.चेहरा प्रेम प्रकाश का, आवाज प्रेम प्रकाश की, दफ्तर भी उन्हीं का. ये सब देखकर कोई भी चकरा जाएगा. पुलिस वाले ने उनसे कॉन्टैक्ट किया. बुजुर्ग से 74 हजार रूपए वसूल लिए लेकिन पीछा नहीं छोडा. जब परिवार वालों ने देखा कि अरविन्द परेशान हैं तो उन पर बहुत दवाब डाला. तब जाकर अरविन्द ने अपनी बेटी को सारी बात बताई. बेटी ने वकील से संपर्क किया. जब वकील ने ठगों से बात की तो ठगों ने कॉल डिस्कनेक्ट कर दी और सारे नंबर स्विच ऑफ हो गए. ग़ाज़ियाबाद के DCP सिटी निपुण अग्रवाल ने कहा कि पुलिस को वो बैंक एकाउंट नंबर मिल गया है, जिसमें अरविंद शर्मा ने पैसे ट्रांसफर किए थे और फेक कॉल करने वाले का IP एड्रेस भी मिल गया है, बहुत जल्दी, अपराधियों को पकड़ लिया जाएगा. इसी तरह हरियाणा के फ़रीदाबाद में एक छात्रा अनन्या को ठगों ने साइबर ठगी का शिकार बनाया. परिवार वालों ने उसे नया लैपटॉप दिलवाया था. इसी लैपटॉक के जरिए डिजिटल डकैतों ने अनन्या को 17 दिन तक हाउस अरेस्ट कर दिया. अनन्या के पास आशीष शर्मा नामक एक व्यक्ति का फोन कॉल आया, उसने कहा कि वह कस्टम अधिकारी है, एक कूरियर पकड़ा गया है, जिसमें 16 पासपोर्ट और 68 एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं. फर्जी कस्टम अफसर ने कहा कि वह इसकी शिकायत लखनऊ पुलिस से कर सकती है. इसके बाद कॉल को एक दूसरे शख्स के पास ट्रांसफर कर दिया गया जिसने अपना परिचय लखनऊ के पुलिस अधिकारी के तौर पर दिया. अनन्या को स्काइप के जरिए वीडियो कॉल पर कनेक्ट कर लिया गया .जो शख्स वीडियो कॉल पर था, उसने अनन्या से आधार कार्ड का नंबर पूछा और बताया कि उसके खिलाफ तो ह्यूमन ट्रैफिकंग का केस भी दर्ज है, अरेस्ट वारंट भी निकला हुआ है और इस मामले में अनन्या को 3 करोड़ 80 लाख रुपए भी मिले हैं. उसने कॉल ट्रांसफऱ की और अनन्या से कहा कि आपकी बात CBI अफसर से कराई जा रही है. अब फर्जी CBI अफसर वीडियो कॉल पर आया. उसने कहा अगर आप गिरफ्तारी से बचना चाहती हैं, तो 3 करोड़ 80 लाख की जो पांच परसेंट रक़म बनती है, यानी तकरीबन 15 लाख रुपए आपको अपने बेल अमाउंट के तौर पर जमा करना होगा. अनन्या मंगला ने कहा कि उसके पास इतना पैसा नहीं है, तो साइबर ठग ने अनन्या से कहा कि वह उसे डिजिटल अरेस्ट भी कर सकते हैं और तब तक वह पैसे का इंतजाम कर ले इसके बाद अनन्या मंगला को साइबर ठगों ने यह हिदायत दी कि वो अपना कॉल कभी भी डिस्कनेक्ट नहीं करेगी. वीडियो वह बंद कर सकती हैं, लेकिन ऑडियो कभी भी डिस्कनेक्ट नहीं करेगी. सायबर ठगों ने ये भी कहा कि वो इस केस की जानकारी अपने घरवालों को नहीं देंगी.

लड़की इतना डर गई कि उसने 17 दिन तक न तो कॉल डिस्कनैक्ट की, न घर वालों को कुछ बताया. इस दौरान उसने इधर उधर से जुगाड़ करके ढाई लाख रूपए भी ठगों को दे दिए. एक दिन वो बाथरूम में थी, लैपटॉप का स्पीकर खुला था. ठगों ने उसे वीडियो पर नहीं देखा तो आवाज दी. घर में नौकरानी काम कर रही थी..उसने आवाज सुनी तो घर वालों को बताया कि कोई बार बार अनन्या को बुला रहा है. ठगों ने जब ये आवाज सुनी तो तुरंत कल डिस्कनेक्ट कर दी और अनन्या को मैसेज भेज दिया कि उसकी जमानत हो गई है.अब वो आजाद है. साइबर फ्रॉड का एक केस नोएडा में भी सामने आया. नोएडा में एक IT कंपनी में काम करने वाली महिला को कॉल आई कि उसके ख़िलाफ़ मुंबई में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज है. कॉल करने वाले ने इतना बताने के बाद, लड़की को वीडियो कॉल पर कनेक्ट किया. फिर वर्दी पहनकर बैठे एक आदमी से बात कराई… क्लेम किया कि वो मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच का DCP है. बैक ग्राउंड बिल्कुल थाने वाला था. कुछ क़ैदी बैठाए गए थे, वॉकी टॉकी भी रखा हुआ था. अपने आप को DCP कहने वाले शख़्स ने उस महिला से कहा कि कुछ दिन पहले नरेश गोयल नाम के कारोबारी के यहां रेड पड़ी थी, वहां, दो करोड़ रुपए पकड़े गए और इसमें से 20 लाख का कमीशन उस महिला को भी पे किया गया है. DCP बने ठग ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग के ये पैसे ट्रांसफर करने के लिए महिला के बैंक एकाउंट और आधार नंबर का इस्तेमाल हुआ है. फिर कहा कि इस मामले में जमानत के तौर पर उसे 20 लाख रुपए ट्रांसफर करने होंगे. इस महिला के पास सिर्फ़ 11 लाख रुपए थे. उससे ठगों ने कहा कि अभी वो 11 लाख ही ट्रांसफर करे, उसके बाद बाकी के पैसों का इंतजाम करे. डर के कारण महिला ने, ठगी करने वालों के खाते में ट्रांसफर कर दिए. पैसे ट्रांसफर करने के बाद भी उस महिला को दस घंटे तक ऑनलाइन रखा गया.और कहा गया कि आपका केस सेटेल हो गया है. आप डिजिटल अरेस्ट से रिहा की जाती हैं. ये सही है कि सरकार डिजिटल क्राइम करने वालों के खिलाफ सख्ती कर रही है. साइबर पुलिस स्टेशन खोले जा रहे हैं. इस नए तरह के क्राइम से लड़ने के लिए पुलिस को ट्रेनिंग दी जा रही है. पुलिस इस मामले में पहले के मुकाबले ज्यादा एलर्ट और इक्यूप्ड हुई है लेकिन टैक्नोलॉजी रोज रोज अपडेट हो रही है और अपराधी क्राइम के तरीके भी रोज रोज बदल रहे है. इसलिए इस तरह के अपराधों से लड़ने का एक ही तरीका है, अवैयरनैस यानि जागरूकता. एक बात अच्छे से समझ लीजिए. कोई पुलिस अफसर किसी केस के बारे में आपको फोन पर जानकारी नहीं देगा. कोई पुलिस अधिकारी वीडियो कॉल करके ने वारंट की बात कहेगा, न गिरफ्तारी का डर दिखाएगा., न दूसरे थाने में फोन ट्रांसफऱ करेगा, न वीडियो कॉल पर पूछताछ की जाएगी, न कोई पुलिस अफसर जमानत के रास्ते बताएगा. अगर कोई ऐसा कॉल आपके पास आता है तो समझ लीजिए कि आपको ठगने की कोशिश हो रही है. कॉल करने वाला खुद अफराधी है, इसलिए डरने के बजाए, उसकी बात मानने की बजाय, फोन काट दीजिए. इसकी जानकारी सबसे पहले परिवार वालों को और फिर पुलिस को दीजिए. एक और सबसे जरूरी बात, कभी किसी के डराने से डरिए मत. ब्लैकमेल होने के बजाय घरवालों को पूरी बात बताइए.क्योंकि अपराधियों की कोशिश यही होती है कि वो जिसको ठग रहे हैं, वो घरवालों से बात न करे, पुलिस के पास न चला जाए. अगर आप डरे नहीं, तो बच जाएंगे. अगर डर गए तो लुट जाएंगे, इसलिए सावधान रहिए.

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