Rajat Sharma

कोरोना का नया रूप बेहद खतरनाक, अत्यधिक सावधानी बरतें

कोरोना वायरस का जो नया रूप सामने आया है वो पुराने वायरस की तुलना में 70 प्रतिशत ज्यादा तेजी से फैलता है। कहा ये जा रहा है कि पहले अगर कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में पांच मिनट के लिए आता था तो वह संक्रमित हो सकता था लेकिन लेकिन अब जो नया वायरस आया है अगर उससे संक्रमित इंसान के संपर्क में कोई सिर्फ तीस चालीस सेकेन्ड के लिए भी आया तो वह भी वायरस का शिकार हो सकता है। ये इतनी तेजी से फैलता है.कि इस पर काबू पाना मुश्किल है।

AKB30 ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के नए रूप की पहचान की है जो बेहद घातक है । दक्षिणी इंग्लैंड में लोगों के बीच यह नया वायरस तेजी से फैल रहा है। कोरोना के इस घातक रूप का खतरा पूरी दुनिया पर मंडराने लगा है। कोरोना के इस नए रूप के कारण ब्रिटेन में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। शनिवार को प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने लंदन और आसपास के बड़े इलाके में कड़ी पाबंदी लगा दी है।

ब्रिटेन में हालात सबसे ज्यादा खराब है। एक दिन में 35 – 36 हजार नए मामले सामने आ रहे हैं। इनमें ज्यादातर मामले लंदन और आसपास के इलाकों में पाए जा रहे हैं। परेशानी की बात ये है कि इनमें से 95 प्रतिशत मामले कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन वाले हैं। इसलिए अब जिन इलाकों में कोरोना के ज्यादा मामले पाए जा रहे हैं, उन इलाकों में 30 दिसंबर तक दोबारा लॉकडाउन लागू कर दिया गया है। बच्चों और बुजुर्गों को इस वायरस से ज्यादा खतरा है। इम्पीरियल कॉलेज, लंदन के एक महामारी विशेषज्ञ ने कहा कि ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि कोरोना के इस नए रूप में बच्चों को संक्रमित करने की बेहद घातक प्रवृति है।

कोरोना के नए अवतार से ब्रिटेन, फ्रांस. जर्मनी, स्विटजरलैंड,नीदरलैंड,बेल्जियम,पोलैंड स्पेन और रूस समेत तमाम यूरोपीय देशों में दहशत है। लोगों को घरों में रहने को कहा गया है। सख्त पाबंदियां लगाई गई हैं। ब्रिटेन आने-जानेवाली उड़ानों को बंद कर दिया गया है। जॉर्डन, हांगकांग, इजरायल और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों ने भी तत्काल प्रभाव से ब्रिटेन जाने और आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया।

भारत ने भी सोमवार को ऐलान किया कि मंगलवार रात बारह बजे से 31 दिसंबर की आधी रात तक भारत से न कोई फ्लाइट ब्रिटेन जाएगी और न ब्रिटेन से कोई फ्लाइट भारत आएगी।

कोरोना वायरस का जो नया रूप सामने आया है वो पुराने वायरस की तुलना में 70 प्रतिशत ज्यादा तेजी से फैलता है। कहा ये जा रहा है कि पहले अगर कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में पांच मिनट के लिए आता था तो वह संक्रमित हो सकता था लेकिन लेकिन अब जो नया वायरस आया है अगर उससे संक्रमित इंसान के संपर्क में कोई सिर्फ तीस चालीस सेकेन्ड के लिए भी आया तो वह भी वायरस का शिकार हो सकता है। ये इतनी तेजी से फैलता है.कि इस पर काबू पाना मुश्किल है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वायरस के इस नए रूप को पहली बार दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड में देखा गया था। यह शोधकर्ताओं के ध्यान में तब आया जब यह दक्षिण इंग्लैंड के कुछ हिस्सों से लिए गए नमूनों में इसकी अधिकता देखी गई। कोविड 19 से संक्रमित मरीजों से इन सैम्पल्स को सितंबर के शुरू में जमा किया गया था। कोरोना वायरस के इस नए रूप में स्पाइक प्रोटीन पर आठ म्यूटेशन हैं जिससे यह वायरस शरीर के अंदर कोशिकाओं को तेजी से संक्रमित करता है। वैक्सीन और एंटी-बॉडी ड्रग्स इन स्पाइक प्रोटीन को निशाना बनाते हैं लेकिन अभी भी यह साफ नहीं है कि जो वैक्सीन विकसित किए गए हैं, वे कोरोना के इस नए रूप पर काम करेंगे या नहीं। कोरोना का यह नया रूप ज्यादा संक्रामक है और तेजी से फैल रहा है जिसके कारण दुनिया भर के देश इसे लेकर अलर्ट हैं।

कोरोना के इस नए खतरे को देखते हुए ब्रिटेन और यूरोपीय देशों में क्रिसमस का जश्न शुरू होने से पहले ही समाप्त हो गया है। लंदन और यूरोप के अन्य शहरों के बाजारों में जहां पिछले हफ्ते तक दुकानों में रौनक थी, अब सुनसान हो गए हैं। लंदन के मशहूर ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट पर लॉक़डाउन के ऐलान से ठीक पहले हजारों लोगों की भीड थी, दुकानें खुली हुई थी लेकिन लॉकडाउन के ऐलान के बाद ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट, ट्रैफेलगर स्क्वॉयर समेत पूरे लंदन की तस्वीर बदल गई। पूरे इलाके में सन्नाटा पसर गया। लंदन के अलावा सबसे ज्यादा परेशानी दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड और पूर्वी इंग्लैंड के लोगों को हो रही है। यहां बहुत ज्यादा सख्ती से लॉकडाउन लागू है। क्रिसमस के मौके पर 1 करोड़ अस्सी लाख से ज्यादा लोग घरों में कैद रहने को मजबूर हैं।

ब्रिटेन के लिए उस वक्त मुश्किल और बढ गई जब फ्रांस ने लॉकडाउन का ऐलान होने के बाद इंग्लैंड जाने वाले कंटेनर्स को बंदरगाह और सडकों पर ही रोक लिया।असल में इंग्लैंड के लिए पीने का पानी, खाने-पीने जैसी आवश्यक वस्तुओं फ्रांस से सड़क के रास्ते आते हैं। लॉकडाउन की वजह से फ्रांस बॉर्डर पर इंग्लैंड जाने वाले सामानों से लदे सैकडों ट्रक रूक गए। केंट में पोर्ट ऑफ डोवर भी बंद हो गया था। लेकिन बाद में इंग्लैंड की सरकार के आग्रह पर फ्रांस की सरकार ने पोर्ट से बेहद सीमित मूवमेंट की इजाजत दी है। पोर्ट डोवर से रोजाना दस हजार ट्रकों की आवाजाही होती है। लंदन से पेरिस, ब्रुसेल्स और एम्स्टर्डम तक की यूरोस्टार ट्रेन सेवाएं दो दिनों के लिए बंद कर दी गई हैं। इटली ने उन नागरिकों के प्रवेश पर रोक लगा दी है जो ब्रिटेन में कम से कम दो सप्ताह तक रुक चुके हैं। जो लोग पहले से ही इटली पहुंच चुके हैं, उन्हें क्वारंटीन कर दिया गया है।

भारत ने ब्रिटेन से आने वाले सभी यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई और राज्य के सभी प्रमुख शहरों में 22 दिसंबर से 5 जनवरी तक रात 11 बजे से सुबह 6 बजे तक का कर्फ्यू लगा दिया है। हालांकि इस नाइट कर्फ्यू से बसों और टैक्सियों को बाहर रखा गया है। यूके, यूरोप और मध्य-पूर्व से आने वाले सभी यात्रियों के भारत आने पर क्वारंटीन किया जाएगा। यात्रियों के टेस्ट के लिए करीब 2,000 बीएमसी डॉक्टरों और नर्सों को तैनात किया जाएगा।

ये कितनी बड़ी त्रासदी है कि कोरोना की वैक्सीन अभी तक पूरी तरह से आई नहीं है और सिर्फ इमरजेंसी इस्तेमाल शुरू हुआ है, ऐसी हालत में ये नई मुसीबत आ गई। क्रिसमस इंगलैंड और यूरोप का सबसे बड़ा त्यौहार है। इस मौके का लोग पूरे साल इंतजार करते हैं और ऐसे में लॉकडाउन हो जाए तो कितनी मनहूसियत पैदा हो जाती है, लोग कितना उदास हो जाते हैं। भारत में बैठकर इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड में तो सख्त लॉकडाउन है। लोग जरूरी काम से भी घर से नहीं निकल सकते। जरूरी सामान भी घर में पहुंचाए जा रहे हैं। सोचिए कैसे हालत होंगे।

हालांकि भारत के लिए राहत की खबर है। 1 जुलाई के बाद पहली बार, कोरोना के रोजाना मामले सोमवार को 20,000 से नीचे आ गए हैं। सोमवार को नए मामलों की संख्या 18,588 थी। वहीं एक्टिव मामले घटकर 160 दिनों के बाद तीन लाख से नीचे चले गए। वहीं कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में सोमवार को 60,000 से कम एक्टिव मामले दर्ज किए गए।

लेकिन इन सबके बीच अच्छी बात ये है कि अगले महीने से भारत में कोरोना वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि भारत में जनवरी से लोगों को कोविड-19 की वैक्सीन देने का काम शुरू किया जाएगा । उन्होंने बताया कि सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता यह है कि वैक्सीन सुरक्षित और असरदार हो। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि रेग्युलेटर सभी वैक्सीनों का विश्लेषण करेगा और अगले 6-7 महीने में 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन देनी की क्षमता हासिल कर ली जाएगी।

अभी तक कोरोना वायरस का नया रूप अपने देश तक नहीं पहुंच पाया है। इसलिए अत्यंत सावधानी बरतना वक्त का तक़ाज़ा है। जब तक देश में एक सुरक्षित वैक्सीन नहीं आ जाती है, तब तक बड़े पैमाने पर लोगों को सतर्क रहना चाहिए। लोगों को घबराने की की जरूरत नहीं है। फॉर्मूला वही पुराना है, मास्क लगाना है और दूरी बनाए रखना है। हाथों को सैनिटाइज करते रहना है। तभी लोग इस घातक वायरस के प्रकोप से मुक्त रह सकते हैं।

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